जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) व्यवस्था में बड़ा बदलाव आने वाला है। सरकार ने संकेत दिया है कि वर्तमान 4 टैक्स स्लैब्स की जगह अब सिर्फ 2 ही स्लैब रखे जाएंगे। यह बदलाव आम जनता के लिए खासा फायदेमंद होगा क्योंकि इससे बहुत सी जरूरी और रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएंगी। आइए इस लेख में इस बदलाव के बारे में आसान और बेसिक हिंदी में विस्तार से समझते हैं।
GST स्लैब में बड़ा बदलाव! अब 4 नहीं सिर्फ 2 टैक्स स्लैब – क्या होगा सस्ता?
वर्तमान में भारत में जीएसटी की दरें 0%, 5%, 12%, 18% और 28% की होती हैं। इसमें अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग टैक्स स्लैब लागू होते हैं। लेकिन सरकार ने नई योजना के तहत इसे और सरल बनाने का फैसला किया है।
इस योजना के तहत अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब (5% और 18%) लागू होंगे। मतलब जो चीजें 12% और 28% के स्लैब में आती हैं, उनमें बड़ा बदलाव होगा।
- लगभग 99% चीजें जो अभी 12% स्लैब में हैं, उन्हें अब 5% स्लैब में लाने की तैयारी है। इसमें बटर, जूस, ड्राई फ्रूट्स जैसी जरूरी सामग्री शामिल है।
- करीब 90% आइटम जो 28% स्लैब में हैं, जैसे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सीमेंट आदि को 18% स्लॉट में रखा जाएगा।
- सिगरेट, टंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर विशेष 40% टैक्स रहेगा।
- इस बदलाव से रोजमर्रा की जरूरतों पर टैक्स कम होने की वजह से सामान सस्ता हो जाएगा और खपत बढ़ेगी।
सरकार का मानना है कि यह टैक्स स्लैब में बदलाव आम लोगों की जेब पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह सुधार धीरे-धीरे 2047 तक भारत को “एक देश, एक टैक्स स्लैब” वाली व्यवस्था की ओर ले जाएगा।
जीएसटी स्लैब बदलाव का सारांश तालिका में
विषय | विवरण |
वर्तमान स्लैब | 0%, 5%, 12%, 18%, 28% |
नया प्रस्तावित स्लैब | सिर्फ 2 स्लैब: 5% और 18% |
12% स्लैब के अधिकांश आइटम | 99% आइटम फिर से 5% स्लैब में आएंगे |
28% स्लैब के अधिकांश आइटम | 90% आइटम फिर से 18% स्लैब में आएंगे |
लक्ज़री और निषिद्ध वस्तुएं | 40% विशेष टैक्स (जैसे तंबाकू, पान मसाला) |
बदलाव की वजह | टैक्स सरल बनाना, सामान सस्ता करना, खपत बढ़ाना |
बदलाव का लक्ष्य | 2047 तक एकल टैक्स स्लैब (One Nation-One Tax) |
प्रभावित उत्पाद | खाद्य पदार्थ, घरेलू सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण सामग्री आदि |
टैक्स स्लैब में बदलाव का असर—क्या-क्या होगा सस्ता?
- खाद्य सामग्री और रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी: बटर, घी, ड्राई फ्रूट्स, जूस, पैक्ड फूड आदि पर टैक्स घटने से इनके दाम कम होंगे।
- औसत घरेलू सामान सस्ता होगा: टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन आदि इलेक्ट्रॉनिक्स पर टैक्स कम हो जाने से ये उत्पाद मिलना आसान होगा।
- छोटे कारोबारों को फायदा: टैक्स स्लैब कम होने से छोटे व्यवसायों के लिए जीएसटी अनुपालन आसान हो जाएगा।
- स्मॉल पैकेट्स पर भी टैक्स कम: 10 रुपये या उससे कम की कीमत वाले FMCG (त्वरित उपभोग की वस्तुएं) के पैकेट 5% टैक्स स्लैब में आएंगे।
- लक्ज़री वस्तुएं महंगी रहेंगे: पांच (5%) और अठारह (18%) स्लैब के अलावा कुछ लक्ज़री और नुकसानदायक सामानों पर 40% का टैक्स जारी रहेगा।
बदलाव के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- 5% टैक्स स्लैब में सामान की बड़ी संख्या आ जाएगी, जिससे आम जनता को रोजमर्रा की जरूरतें कम कीमत पर मिलेंगी।
- मिडिल क्लास, स्टूडेंट्स, किसान और छोटे कारोबारी मुख्य लाभार्थी होंगे।
- सरकार इस बदलाव को दीवाली 2025 तक लागू करना चाहती है।
- कुछ खास सेक्टर जैसे कीमती रत्न और एक्सपोर्ट सेक्टर पर वर्तमान टैक्स दरें बनी रहेंगी।
- पेट्रोल, डीजल, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल पर अभी भी जीएसटी लागू नहीं होगा।
GST बदलाव से जुड़ी आसान बातें (बुलेट पॉइंट्स):
- टैक्स स्लैब घटाकर सिर्फ 2 किए जाएंगे: 5% और 18%
- 12% स्लैब में से बड़ी संख्या 5% पर आएगी
- 28% स्लैब में से अधिकांश 18% पर लाए जाएंगे
- लक्ज़री और निषिद्ध वस्तुएं 40% टैक्स के दायरे में रहेंगी
- रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होने से खपत बढ़ेगी
- कारोबारियों के लिए आसान टैक्स नियम लागू होंगे
- सरकार का लक्ष्य 2047 तक एक टैक्स स्लैब बनाना है
Disclaimer:
यह बदलाव केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल की तरफ़ से उठाया गया प्रस्ताव है। अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है और इसे लागू करने के लिए आवश्यक कानून, नियम और प्रक्रियाएं पूरी की जानी हैं। अतः अभी यह योजना पूरी तरह से लागू नहीं हुई है, और कई बार योजना में अंतिम रूप से कुछ संशोधन हो सकते हैं। इसलिए आम जनता को इस बदलाव के बारे में अपडेट रहने और सरकारी अधिसूचनाओं का ध्यान रखना चाहिए। फिलहाल यह एक प्रस्तावित योजना है, जो आने वाले समय में आधिकारिक रूप से घोषणा के बाद ही लागू होगी।