Property Registry New Rules 2025: सिर्फ 3 दिन में पूरी होगी रजिस्ट्री, 7 नए प्रावधान कर देंगे हैरान

Published On: August 15, 2025
Property Registry New Rules

2025 में भारत सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री के नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जो खरीदी हुई जमीन के रजिस्ट्रेशन और उसकी वैधता पर गहरा असर डालेंगे। इस नए कानून और नियमों के तहत अब जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन, डिजिटल और अधिक पारदर्शी तरीके से होगी, जिससे धोखाधड़ी और कागजी फरेब पर नियंत्रण आसान होगा।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब कुछ खास परिस्थितियों में खरीदे गए जमीन के रजिस्ट्रेशन को कैंसिल भी किया जा सकता है। यह नियम जमीन विवादों, गलत दस्तावेजों, और फर्जी रजिस्ट्रेशन की समस्याओं को रोकने के लिए लागू किए गए हैं।

इसके साथ ही कागज पर आधारित पुरानी प्रणाली को पूरी तरह खत्म करके डिजिटल प्रक्रिया लाई गई है, जिससे संपत्ति संबंधी लेन-देन में तेजी और सुरक्षा आएगी।

सरकार की इस पहल से भूमि स्वामित्व की शुद्धता बढ़ेगी और लोगों को उनके हक को सुरक्षित रखने का भरोसा मिलेगा। साथ ही, जमीन खरीदने वाले लोग भी अब अधिक सावधानी बरतेंगे और स्वच्छ प्रक्रिया से संपत्ति खरीद पाएंगे।

Property Registry New Rules 2025

2025 के नए नियमों के अनुसार, अब जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी। सभी दस्तावेज ऑनलाइन जमा करने होंगे, और रजिस्ट्री ऑफिस में भौतिक बल्कि वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। इसके अलावा, रजिस्ट्री के लिए जरूरी पहचान के तौर पर आधार और पैन कार्ड का लिंक अनिवार्य किया गया है।

सबसे बड़ा बदलाव जमीन के रजिस्ट्रेशन को लेकर विवादों और धोखाधड़ी को रोकने का है। अब यदि कोई जमीन चोरी, फर्जी दस्तावेज या भ्रष्ट तरीके से खरीदी गई हो, तो संबंधित रजिस्ट्रेशन को 90 दिनों के भीतर कैंसिल किया जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि ज्यादा समय लेने से पहले ऐसे मामलों की जांच और कार्रवाई होगी।

रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के लिए, जमीन के खरीदार या संबंधित पक्ष को स्थानीय रजिस्ट्री ऑफिस या तहसील कार्यालय में आवेदन करना होता है। डिजिटल दस्तावेज, वीडियो रिकॉर्डिंग, और डिजिटल साक्ष्य के आधार पर मामलों की तेज समीक्षा होगी।

नए नियमों में यह भी सम्मिलित है कि जमीन की स्वामित्व पुष्टि पूरी तरह पारदर्शी होगी, जिसे ऑनलाइन पोर्टल से भी जांचा जा सकता है। इससे “बेनामी” संपत्तियों की संख्या कम होगी और सही मालिकाना हक साबित करना आसान होगा।

रजिस्ट्री कैंसिल होने के कारण और प्रक्रिया

कहीं-कहीं गलत दस्तावेजों, नकली हस्ताक्षर, फर्जी कॉन्ट्रैक्ट, या क्लियरेन्स नहीं होने पर जमीन की रजिस्ट्रेशन को रद्द किया जा सकता है। विवादित जमीन पर अनुचित कब्जे या परिवारिक झगड़े की स्थिति में भी कोर्ट आदेश से कैंसिलेशन की मांग हो सकती है।

एनकाउंटर ऑफ कागजी दस्तावेजों की जांच के बाद, यदि पता चलता है कि जमीन खरीद के समय असत्यापन हुआ है, तो संबंधित रजिस्ट्री को रद्द करना न्यायसंगत माना जाएगा। इसके लिए संबंधित पक्ष के आवेदन या सरकारी जांच जरूरी होती है।

इस प्रक्रिया में जमा किए गए उचित प्रमाण, जैसे कि खरीदी का रिकॉर्ड, पहचान प्रमाण, और सरकारी अभिलेखों का मेल-जोल अहम होता है। कोर्ट या रजिस्ट्रेशन ऑफिस के दिशा-निर्देशों के आधार पर अंतिम फैसला लिया जाता है।

ऑनलाइन रजिस्ट्री और डिजिटल प्रक्रिया की सुविधा

सरकार ने भूमि पंजीकरण को डिजिटल बनाने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर एकीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है। अब संपत्ति के डिटेल्स ऑनलाइन दर्ज होते हैं, जिससे लोग कहीं से भी अपने जमीन के रिकॉर्ड देख सकते हैं।

इस सिस्टम में डिजिटल सिग्नेचर, वीडियो वेरिफिकेशन, और ऑनलाइन पेमेंट भी शामिल हैं, जिससे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार की सम्भावना कम हुई है।

इसके अलावा, रजिस्ट्री प्रक्रिया के पूरे दस्तावेज और वीडियो रिकॉर्डिंग ऑनलाइन स्टोर होते हैं, जिससे भविष्य में कोई विवाद होने पर प्रमाण प्रस्तुत करना आसान हो जाता है।

सरकार का उद्देश्य और आम लोगों को फायदा

इन नए नियमों के माध्यम से सरकार संपत्ति खरीदारों को धोखाधड़ी से बचाना चाहती है। रजिस्ट्री को केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि पूरी तरह से पारदर्शी, डिजिटल और विश्वसनीय बनाना प्राथमिक लक्ष्य है।

जमीन खरीदने वाले अब पहले से ज्यादा जागरूक हो जाएंगे और धोखाधड़ी में फंसने का खतरा कम होगा। डिजिटल रजिस्ट्रेशन से समय की बचत होती है और प्रशासनिक बाधाएं घटती हैं।

साथ ही संपत्ति विवादों में कमी आएगी और सही मालिकों को ही उनका हक मिलेगा, जिससे सामाजिक न्याय और आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष

साल 2025 में लागू हुए नए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन नियम भूमि के रजिस्ट्रेशन को अधिक पारदर्शी, डिजिटल और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। अब जमीन की रजिस्ट्री ऑनलाइन होगी और विवादास्पद या फर्जी रजिस्ट्रेशन को नियत अवधि में कैंसिल किया जा सकेगा।

इस बदलाव से खरीदारों को धोखाधड़ी से बचने और अपने संपत्ति स्वामित्व को सुरक्षित रखने का भरोसा मिलेगा। डिजिटल प्रक्रिया से समय और पैसा दोनों की बचत होती है, जबकि वीडियो और ऑनलाइन रिकॉर्डिंग से विवादों को कम किया जा सकता है।

किसी भी संपत्ति की खरीदारी से पहले नए नियमों को ध्यान में रखें, दस्तावेजों की जांच करें और ऑनलाइन पोर्टल से रजिस्ट्री की स्थिति चेक करते रहें। यह नये नियम भारत में प्रॉपर्टी लेनदेन को सरल, सुरक्षित और न्यायसंगत बनाएंगे।

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